विश्व डाक दिवस (World Post Day) हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन, हम डाक सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हैं, जो देशों के इकोनॉमिक और सोशल डेवलपमेंट में अहम योगदान करती है। इस वर्ष, 'वर्ल्ड पोस्ट डे' की थीम 'पोस्ट फॉर प्लैनेट' है, जो पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देती है।
विश्व डाक दिवस का इतिहास
विश्व डाक दिवस का इतिहास बहुत दिलचस्प है। इसकी शुरुआत 1969 में हुई थी, जब पहला विश्व डाक दिवस मनाया गया था, और तब से हर साल 9 अक्टूबर को इसे मनाया जाता है। भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर डाक दिवस मनाया जाता है, और यह एक सप्ताह तक चलता है, जिसे 'नेशनल पोस्टल वीक' या 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' के रूप में मनाया जाता है।
विश्व डाक दिवस के महत्व
विश्व डाक दिवस के माध्यम से हमें यह याद दिलाया जाता है कि डाक सेवा ने लोगों को न केवल जोड़ा है, बल्कि देशों के विकास में भी अपना योगदान दिया है। इसके साथ ही, यह दिवस डाक सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
विश्व डाक दिवस 2023 के लिए थीम
इस वर्ष, यह दिन " एक साथ विश्वास के लिए: एक सुरक्षित और जुड़े भविष्य के लिए सहयोग " (“Together for Trust: Collaborating for a Safe and Connected Future.”)की थीम के साथ मनाया जाएगा। पिछले वर्ष यह दिन 'पोस्ट फॉर प्लैनेट' थीम के साथ मनाया गया था। '
विश्व डाक दिवस पर रोचक जानकारियां
- पोस्ट से दुनिया की लगभग 82% आबादी को होम डिलीवरी की सुविधा मिलती है।
- 77% लोग ऑनलाइन भी इन सेवाओं का उपयोग करते हैं।
- दुनिया में कुल 1,54,965 पोस्ट ऑफिस हैं, और देश में 23 पोस्टल सर्किल हैं।
- भारत का पहला पोस्ट ऑफिस 1774 में कोलकाता में स्थापित किया गया था।